नवरात्री उपवास फिटनेस मंत्र जानिए उपवास कैसे रखता है आपको स्वस्थ और तंदरुस्त
रमिता भारद्वाज (योग थेरेपिस्ट सत्यमेधा वेलनेस)
सत्यमेधा वेलनेस टिप्स – 1:
नवरात्री फिटनेस मंत्र सिर्फ भक्ति ही नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं उपवास
आपके शरीर का पाचन तन्त्र एक तंत्र की तरह सामूहिक कार्य करता है। ठीक आपके मोबाइल की तरह। लगातार काम करते रहने से मोबाइल भी रिसेट और रिफ्रेश मांगता है तो आपका पाचन तंत्र क्यों नहीं ? यदि आप अपने डेली रुटीन से बोर हो गए हैं और अपने आहार में कुछ दिन के लिए रिसेट करना चाहते है तो कुछ विशेष दिन में उपवास काफी अच्छा और होलिस्टिक उपाय है। इसे जरूर आजमाएं।
सत्यमेधा वेलनेस टिप्स – 2:
डिवाइन भक्ति और उपवास से बीमारी रहे कोसो दूर
पुरे वर्ष में 4 नवरात्री पड़ती है। यानी आपके जीवन में 4 अवसर आते है खुद को फिट और स्वस्थ रखने के लिए , इसका उपयोग करें। नवरात्रि के दौरान कई लोग नौ दिनो का उपवास करते है। इस समय लोग भक्ति के साथ-साथ अपनी आंतरिक शांति भी प्राप्त करना चाहते हैं। लोग नौ दिन का उपवास कर माता की भक्ति करते हैं और देवी के नौ स्वरूपों को खुश करने का प्रयास करते है। नवरात्रि के दिनों में व्रत से केवल माता ही खुश नहीं होती है, बल्कि आपका शरीर और मन भी खुश होता है। क्योंकि नवरात्रों में उपवास से आपके शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है।
सत्यमेधा वेलनेस टिप्स – 3:
उपवास से आपके शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है
भारतीय वैदिक ऋषियों ने इतने वैज्ञानिक तरीके से 4 प्रकार के नवरात्री का विधान किये थे जिससे मानव के जीवन का उर्ध्गामी विकास हो पाएं। बिना शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता के जीवन का कोई बह लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है। रोज के आपाधापी जीवन से हमारा शरीर और दोनों में कचरा भरता जाता है। उसको साफ़ करना जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप उपवास करेंगे तो आपके शरीर को सर्दियों के बाद गर्मियों के लिए बदलने का मौका मिलेंगा। सर्दियों के मौसम में हम गर्म चीजें ज्यादा खाते है तो अगर एकदम से आप गर्मियों के आते ही ठंडी चीजें खाएंगे तो आपके शरीर को ये समझ नही आ पाएगा और आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाएगा जिससे आप बीमार पड़ सकते है। उपवास के समय आपके शरीर को एक ब्रेक मिल जाएगा जिसके बाद आप उसमें बदलाव कर सकते है जिसके लिए वो तैयार रहेगा।
सत्यमेधा वेलनेस टिप्स – 4:
बीपी और शुगर रहता है कन्ट्रोल
डिवाइन फास्टिंग या उपवास से आपके शरीर की विष की क्षमता कमजोर होती है। शरीर डेटोक्सीफाईड खुद करने लगता है। बीपी और शुगर को अपने कब्जे में रखता है। यानि बल्ड शुगर लेवल और फैट को नियंत्रित करता है जिससे डायबटिज और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं में काफी मदद मिलती है।
उपवास करने के फायदे
हेल्थ अच्छा रहता है
उपवास करने से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ साफ़ होते हैं। उपवास करने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इससे हार्ट हेल्थ भी अच्छी रहती है।
इम्यूनिटी
उपवास करने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है. इससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
वज़न कम
उपवास करने से वज़न कम होता है. उपवास के दौरान फैट बर्निंग प्रोसेस तेज़ होकर चर्बी को कम करता है।
पाचन
उपवास करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।
मानसिक स्वास्थ्य
उपवास से दिमाग स्थिर और शांत रहता है. इससे अच्छी नींद आती है और आप हल्का महसूस करते हैं। उपवास से तनाव कम होता है और गुस्सा भी कम होता है।
कैंसर
कैंसर के मरीज़ों जो कीमोथेरेपी ले रहे हैं उनके लिए व्रत रखना बहुत फ़ायदेमंद होता है।
सूजन
उपवास करने से शरीर में सूजन कम होती है।
ब्लड प्रेशर
खाने में नमक की मात्रा कम होने से और यूरीन से एक्स्ट्रा नमक शरीर से निकल जाने के कारण फ़ास्टिंग से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
उपवास कितने घंटे का होना चाहिए या हमें कितने घंटे उपवास करना चाहिए?
मेडिकल शोध और नेचुरोपैथी के अनुसार, सही तरीके से किया गया उपवास शरीर और मन दोनों को प्रभावित करता है। शरीर की ऊर्जा बचती है। स्वस्थ जीवन के लिए रोज कम से कम 12 से 14 घंटे का उपवास होना चाहिए। जब आप कुछ न खाएं. साथ ही महीने में एक बार पूरे दिन यानी 24 घंटे उपवास भी सेहत के लिए फायदेमंद है। लेकिन यदि आप किसी बीमारी से लम्बे समय से पीड़ित है तो धीरे धीरे उपवास का समय बढ़ाना चाहिए।
आईये जानते है नवरात्री के उपवास के ये 5 प्रमुख फायदे
1 ) शरीर के सूजन को कम करता है उपवास
नेचुरोपैथी और योग थेरेपी के रिसर्च के अनुसार “सही उपवास से शरीर में सूजन को कम करने के लिए भी काम करता है, जो गठिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही साथ विटामिन को बह मैनेज करता है।
2) वजन को नियंत्रित करता है
डाइट एक्सपर्ट और योग थेरेपिस्ट के अनुसार “कैलोरी की सेवन सीमित करके वजन घटाने के लिए उपवास काफी मदद करता है। लेकिन अगर आप व्रत कर रहे है तो ज्यादा तला हुआ खाना न खाएं।” पानी का उपयोग ज्यादा करें। अधिक वजन होने के संदर्भ में रोकथाम और प्रबंधन आहार और शारीरिक गतिविधि के संतुलन को बनाए रखकर किया जा सकता है।
3) कार्डिएक या हार्ट अटैक के सम्भावना को कम करता है
उपवास के टाइम में रक्त लिपिड प्रोफाइल में सुधार और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हृदय रोग के कम जोखिम को कम करता है। साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। शरीर में एलडीएल के स्तर को कम करने के लिए उपवास एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है।
4) सबसे अच्छा डिटॉक्सिफिकेशन यानि शरीर का शुद्धिकरण
यदि उपवास अच्छे से किया जाए तो डिटॉक्सिफिकेशन में शामिल कुछ एंजाइमों के उत्पादन और गतिविधि को बढ़ाने में मदद कर सकता है, साथ ही आपके लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है, जो डिटॉक्सिफिकेशन में शामिल मुख्य अंगों में से एक है।
Disclaimer: सुधि पाठको को यह सलाह है की इस लेख में उल्लिखित सलाह, परामर्श और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। अपने जीवन में उपयोग करने से पहले किसी प्रोफेशनल गुरु या चिकित्सा थेरेपी की सलाह लेना काफी हितकर होगा।