Hast Rekha Rajyog अपने हथेली से जानें धनवान बनने के पंचमहापुरुष राजयोग
Raja Yog in Palmistry and its Benefits
आचार्य रौशन कुमार (सत्यमेधा एस्ट्रो रिसर्च)
दोस्तों आपके किस्मत में राजयोग है या नहीं, इसको जानने के लिए कई लोग ज्योतिषों के पास जाते हैं। तो कई लोग पंडित ओझा के पास लेकिन इस रिसर्च लेख के सहयोग से अब आप अपनी हथेली को देखकर ही जान सकते हैं। अब आपको अपनी किस्मत जानने के लिए किसी ज्योतिषी के पास जाने की जरूरत नहीं है। राजयोग होने पर वह व्यक्ति राजा के समान जीवन व्यतीत करता है। इस योग की जानकारी हस्तरेखा शास्त्र और सामुद्रिक शास्त्र से मिल सकती है।
सत्यमेधा एस्ट्रो रिसर्च के माध्यम से हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे ही जानकारी। आप चाहें तो खुद अपनी हथेली देखकर यह जान सकते हैं कि आप राजयोग लेकर पैदा हुए हैं या नहीं। अगर है कब फलित होगा ?
जानिए हस्तरेखा के अनुसार आचार्य रौशन जी के द्वारा कुमार कार्तिकेय भागवान की लिखी हुई किताब सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार रुचक योग, भद्र योग, हंस योग, मालव्य योग और शश योग ये पांच योग हैं जिन्हें पंचमहापुरुष राजयोग के नाम से जाना जाता है।
राजयोग की कौन सी रेखा होती है?
Hast Rekha Rajyog
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, यदि व्यक्ति की अनामिका (छोटी उंगली के पास वाली उंगली) के पास से चलती हुई रेखा अगर मस्तिष्क रेखा से मिली हुई है और मस्तिष्क रेखा सिरे झुककर गुरु पर्वत पर आ रही है तो उसके हाथ में राजयोग होता है।
कौन सी रेखा है जो करोड़पति बना सकती है?
हथेली में कहां होती है धन की रेखा? हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) के मुताबिक,
हथेली में सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली के नीचे उभरी सीधी रेखा को मनी लाइन कहा जाता है.
इस रेखा को धन की रेखा के रूप में भी जाना जाता है. अगर किसी जातक की हथेली में ऐसी रेखाएं हैं तो यह इस बात का संकेत है कि वह बहुत जल्द अमीर बनने वाला है.
पंच महापुरुष राज योग क्या हैं, जानिए हस्तरेखा के अनुसार आचार्य रौशन जी के द्वारा:-कुमार कार्तिकेय भागवान की लिखी हुई किताब सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार रुचक योग, भद्र योग, हंस योग, मालव्य योग और शश योग ये पांच योग हैं जिन्हें पंचमहापुरुष राजयोग के नाम से जाना जाता है।
शश योग क्या है ? shash yog kya hota hai
हथेली में तीन मणिबन्ध हों। पहले मणिबन्ध पर मत्स्याकार होकर वहां मे भाग्य रेखा शनि पर्वत के बिन्दु तक पहुंचती हो और शनि पर्वत पूर्ण विकसित अवस्था में हो तो उसके हाथ में शश योग होता है।
शश योग के लाभ: benefits of shasha yoga
जिसके हाथ में शश महायोग होता है बह व्यक्ति साधारण कुल में जन्म लेकर भी जीवन में अत्यन्त उच्च पद पर पहुंचता है। राजनीति में यह व्यक्ति अत्यन्त महत्वपूर्ण पद को सुशोभित करता है तथा राजनीति विशारद माना जाता है। ऐसे व्यक्ति के घर में नौकर-चाकर पशु वाहन आदि का पूर्ण सुख रहता है। वह गांव का प्रसिद्ध मुखिया अध्यक्ष या देश का प्रसिद्ध नेता होता है। ऐसे व्यक्ति का स्वभाव अत्यन्त सरल तथा विवेकशील होता है। इसके व्यक्तित्व में कई प्रकार के गुणों का अद्भुत समन्वय होता है।
सत्यमेधा रिसर्च केस स्टडी: इस योग में शनि को बहुत अधिक प्रधानता दी गई है। अतः शनि पर्वत तथा शनि रेखा जितनी ही ज्यादा श्रेष्ठ होगी वह व्यक्ति उतना ही ज्यादा ऊंचा उठेगा। ऐसा व्यक्ति यद्यपि धीरे-धीरे उन्नति करता है परन्तु उसकी जो भी उन्नति होती है वह स्थाई होती है ।
मालव्य योग क्या है ? malavya yoga kya hota hai
यदि हथेली में शुक्र पर्वत न तो दबा हुआ हो और न अधिक विकसित हो परन्तु सामान्यतः विकसित चमकीला तथा स्वस्थ हो साथ ही जीवन रेखा मणिबन्ध की ओर आते हुए शुक्र पर्वत को पूर्ण विस्तार दिया हुआ हो तथा अंगूठा लम्बा किंचित पीछे की ओर झुका हुआ हो, शुक्र पर्वत पर किसी प्रकार का बिन्दु या जाल या बाधक रेखाओ के चिन्ह न हों तो उसके हाथ में मालव्य योग होता है।
मालव्य योग के लाभ: benefits of malavya rajyog
जिस व्यक्ति की हथेली में मालव्य योग होता है वह अत्यन्त सुन्दर तथा आकर्षक होता है। उसके व्यक्तित्व में कुछ मालव्य ऐसी विशेषता होती है कि जिससे वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता है। ऐसे जातक सुन्दर और आकर्षक चेहरे वाले लाल वर्णं पतली कमर चन्द्रमा के समान ओज एवं कांतिवाला लम्बी नाक, प्रकाशित नेत्र, सुदर्शन व्यक्तित्व का धनी होता है। ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान एवं चतुर भी होता है तथा कठिन से कठिन परिस्थितियों मे भी विचलित नहीं होता। धन इसके पास स्वतः ही खीचा चला आता है और बहुत कम परिश्रम करने पर आय के स्रोत एक से अधिक बना लेता है। इसे जीवन भर वाहन सुख बना रहता है तथा जीवन में सभी प्रकार के भोगों को भोगता है। सभ्यता की दृष्टि से ऐसे व्यक्ति उच्च कोटि के होते है तथा अपने कार्यों से देश तथा विदेश में सम्मानित होते हैं।
सत्यमेधा रिसर्च केस स्टडी:
जिस व्यक्ति की हथेली में मालव्य योग होता है वह मूलतः कलाकार होता है। यदि शुक्र पर्वत तथा शुक्र रेखा दोनों ही पुष्ट एवं स्वस्थ हों तो व्यक्ति काव्य संगीत नृत्य आदि के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति कला के क्षेत्र में भी घुस जाते हैं उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त करके ही रहते हैं। हृदय से ये व्यक्ति उदार,तथा परोपकारी होते हैं। इनके जीवन में शुक्र से सम्बन्धित किसी प्रकार की कोई न्यूनता नहीं रहती ।
हंस योग क्या है ? hans raj yog kya hota hai
यदि हथेली में तर्जनी उंगली अनामिका से लम्बी हो, गुरु पर्वत पूर्णतः विकसित तथा लालिमा लिए हुए हो उस पर क्रॉस के चिन्ह के अलावा और अन्य कोई चिन्ह न हो तो उसके जीवन में हंस योग का निर्माण होता है।
हंस योग के लाभ: benefits of hans rajyoga
जिस व्यक्ति के हाथ में हंस योग होता है वह व्यक्ति आकर्षक लावण्यवन सुंदर स्वास्थ का सुन्दर पुरुष होता है। उसका व्यक्तित्व हर समय खिला हुआा रहता है। हंसमुख चेहरा उन्नत ललाट, तीखी नासिका, विशाल वक्षस्थल तथा सुन्दर व्यक्तित्व वाला ऐसा व्यक्ति दूरदर्शी होने के साथ-साथ मित्रों परिचितों एवं संबन्धियों का सहायक होता है। यह सभी के साथ श्रेष्ठ व्यवहार करता है तथा समाज में सम्माननीय स्थान प्राप्त करने में सफल होता है। नौकरी के क्षेत्र में यह व्यक्ति अत्यन्त उच्च पद को प्राप्त करके ही रहते हैं। इस
सत्यमेधा रिसर्च केस स्टडी:
यह योग गुरु की वजह से बनता है तथा यह पंचमहापुरुष योग में से एक योग है,ऐसे व्यक्ति सफल न्यायाधीश होते हैं तथा निष्पक्ष निर्णय देने की वजह से समाज में उनका सम्मान रहता है। ऐसे व्यक्ति प्रलोभन या दबाव में आकर किसी प्रकार का कोई गलत समझौता अपने जीवन में नहीं करते। इसके साथ ही साथ ऐसे व्यक्ति अत्यन्त आकर्षक होते हैं तथा उनके व्यक्तित्व में कुछ ऐसी विशेषता होती है जिससे इनके परिचितों की संख्या जरूरत से ज्यादा रहती है। इनका बुढ़ापा अत्यन्त सुखदायक होता है।
रोचक योग क्या है ? ruchak rajyog kya hota hai
यदि हथेली में मंगल पर्वत पूर्णतः विकसित स्पष्ट तथा लालिमा लिए हुए हो साथ ही मंगल रेखा सीधी पतली तथा सुंदर हो तो उस व्यक्ति के हाथ मे रुचक योग होता है।
रोचक योग के लाभ: benefits of ruchaka yoga
इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से बलवान तथा पुष्ट होता है। यह अपने कार्यों से समाज और देश का नाम रोशन करता है तथा समय पड़ने पर यह देश का नेतृत्व करने की भी क्षमता रखता है। इसका जीवन राजा के समान ही व्यतीत होता है। अपने देश के प्रति देश की संस्कृति और कला के प्रति यह हरदम जागरूक रहता है तथा अपने देश की प्रतिष्ठा को ऊंचा उठाने में बराबर सहायक बना रहता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन तथा चरित्र उच्चकोटि का होता है और किसी के दबाव में आकर कोई कार्य नहीं करता । आर्थिक दृष्टि से इस व्यक्ति के जीवन में कोई कमी नहीं रहती। ऐसा व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करता है तथा सेना, मिलिट्री या पुलिस विभाग में अत्यन्त ऊंचे पद पर पहुंचता है तथा अपनी योग्यता सूझबूझ तथा नेतृत्व करने की क्षमता के कारण सम्मानित होता है।
सत्यमेधा रिसर्च केस स्टडी:
सामुद्रिक शास्त्र में इस योग को भी पंचमहापुरुष योग में से एक माना है। ऐसे व्यक्ति देश और विदेश में सम्मानित होते हैं तथा पूर्ण लाभ प्राप्त करते हैं।
भद्र योग क्या है ? bhadra yog kya hota hai
यदि हथेली में बुध पर्वत पूर्णतः विकसित हो तथा बुध रेखा सीधी पतली, गहरी तथा लालिमा युक्त हो तो उसके हाथ में भद्र योग होता है।
भद्र योग के लाभ: benefits of bhadra yoga
भद्र योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति साहसी निर्भीक तथा पराक्रमी होता है। इसके सामने शत्रु टिकते ही नहीं हैं और एक हिसाब से यह प्रबल शत्रुहन्ता होता है । शत्रुओं को भी मित्र बनाने की कला इस व्यक्ति को अच्छी तरह से आती है। इसका व्यक्तित्व अपने आप में प्रभाव पूर्ण होता है तथा यह निरन्तर ऊंचा उठने की भावना रखता है इसके संपर्क में जो भी आता है उसकी सहायता करने को यह हर समय तैयार रहता है। इस व्यक्ति का मस्तिष्क अत्यन्त पैना और उर्वर होता है जिसकी वजह से यह पेचीदा से पेचीदा कार्य भी सुगमता से कर लेते है। जो कार्य दूसरो को अत्यन्त जटिल और असंभव लगते हैं उस कार्य को भी ये आसानी से सम्पन्न कर लेते हैं। यद्यपि ये व्यक्ति जीवन में धीरे 2 प्रगति करते हैं परन्तु अन्त में ये सर्वोच्च पद पर ही विश्राम लेते हैं। व्यापार की दृष्टि से इनके हाथ में प्रबल योग होता है तथा अपने प्रयत्नों से यह अपने व्यापार को विदेशों में भी फैलाने में समर्थ होता है।
सत्यमेधा रिसर्च केस स्टडी:
यह योग मुख्यतः बुध पर्वत की वजह से बनता है। बुध व्यापार एवं बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है। अतः यह बात निश्चित है कि ऐसा व्यक्ति प्रखर बुद्धि का स्वामी होता है तथा व्यापार के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होते और बाधाओं के बीच में अपना पथ चुन लेते हैं। तुरन्त निर्णय करने की क्षमता इनमें विशेष रूप में होती है।
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